म्यूचुअल फंड

Mutual Fund Investment: ऐसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश, कभी नहीं होगा नुकसान

Mutual Fund Investment Tips : शेयर बाजार (Stock Market) एवं म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) में पैसा निवेश करने पर जोखिम की संभावना हमेशा बनी रहती हैं।

यदि आप लोग बिना किसी जांच-परख और सही रणनीत से निवेश नहीं करते हैं, तो आपका पूरा पैसा डूब भी सकता है। हालांकि, Equity Market में पैसा लगाने पर जितना Risk की संभावना होती है, उतना ही बड़ा रिटर्न मिलने की भी Probability ज़्यादा होती है, जो की फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) जैसे पारंपरिक निवेश से अधिक है।

यदि आपके द्वारा सही तरीक़े से Investment रूल्स का पालन करके पैसा लगाया जाए तो इससे होने वाले नुकसान की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

जो लोग कम जोखिम लेकर Equity Market में निवेश करना चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना सबसे बेहतरीन तरीक़ा हैं ।

यहां जानकारी के लिए आपको बता दें कि, यदि आप सोच रहे है कि म्‍यूचुअल फंड में आपको हमेशा Profits ही होगा, तो ऐसा बिलकुल नहीं है। क्योंकि कई बार निवेशक (Investor) को म्‍यूचुअल फंड में भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। लेकिन, म्‍यूचुअल फंड में हुए निवेश के घाटे (Investment losses) को दूर किया जा सकता है।

आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको म्‍यूचुअल फंड में हुए नुक़सान को दूर करने की जानकारी देने जा रहे है। आप लोग यहाँ दिये कुछ स्मार्ट इनवेस्‍टमेंट फंडे (Smart Investment Methods) अपनाकर इसे दूर कर सकते है। आइये बिना समय गवाये जाने इसके बारे में…

1. नियमित और विविध निवेश

बाजार के एक्सपर्ट ने Equity Market में कमाई का जो मूल मंत्र दिया है वो है ‘नियमित और विविध निवेश’ (Invest Regularly and Invest Diversified) करते रहना है ।

Diversifying Your Investments

Diversifying Your Investments: विविध निवेश एक ऐसी रणनीति है, जिसमें निवेशक अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) के जोखिम को कम करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न प्रकार जैसे की स्टॉक, बॉन्ड, रियल एस्टेट या क्रिप्टोकरेंसी में विभाजित करके निवेश करता है।

वहीं दूसरी तरफ बाजार में अस्थिरता उन निवेशकों के लिए फायदे का सौदा है जो लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं। जो लोग निरंतर निवेश करते हैं, उनका पोर्टफोलियो कभी घाटे में नहीं रहता। वहीं निरंतर निवेश एक निवेशक को अपने पोर्टफोलियो में ज्‍यादा यूनिट जोड़ने का अवसर प्रदान करता है, जब-जब बाजार में गिरावट आती है।

बाजार का भविष्य क्या रहने वाला है? मार्केट में आने वाले दिनों में तेजी आएगी या मंदी ? इसकी भविष्‍यवाणी (Prediction) करना बहुत मुश्किल है। ऐसे में मार्केट में आई गिरावट के प्रभाव को कम करने का मात्र एक ही तरीका है, कि इसका सामना करने के लिए तैयार रहें । जब भी बाजार में मंदी दिखे उस समय निवेश करने से जरा भी ना हिचकिचाये। अपने वित्तीय सलाहकार (financial advisor) से सलाह लेकर निवेश करने की प्लानिंग करें।

2. अपने निवेश में विविधता लाएं

एक निवेशक के लिए सबसे समझदारी वाला कदम ये है कि वो अपनी पूंजी को एक जगह ना लगाकर कई एसेट (Multiple Assets) में लगाये। बात चाहे किसी बिजनेस की हो या शेयर बाजार की ये बात हर जगह लागू होती है।

अक्सर देखा जाता है कि नये और छोटे निवेशक अपने पूरे फंड को एक ही जगह लगा देते हैं, ऐसा करना बिलकुल भी सही नहीं है, क्योंकि बाजार अनिश्चितताओं से भरा हुआ है। कब क्या खबर मार्केट को प्रभावित कर जाये, इसके बारे में कोई कुछ नहीं बता सकता।

म्‍यूचुअल फंड में निवेश पर भी यही बात लागू होती है। ऐसे में आपको एक ही म्‍यूचुअल फंड में पैसा लगाने की बजाय अपने पैसे को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित करके निवेश करना चाहिए। एक Diversified Portfolio बाजार के उतार-चढ़ाव सहने मे ज्‍यादा सक्षम होता है। जिससे आपके निवेश किए हुए पैसों के नुकसान के चांस कम हो जाते है।

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3. SIP करना बेहतर विकल्‍प

बाजार के जानकारों की माने तो SIP यानी Systematic Investment Plan निवेश करने का सबसे सुरक्षित तरीका है। जब आप Equity Market में एसआईपी के माध्‍यम से निवेश करते हैं तो यह अस्थिरता से मुकाबला करने में आपकी बहुत मदद करता है। इससे लम्बे समय तक निवेश (लॉन्‍ग टर्म) में निवेशक एक बढ़िया मुनाफा कमा सकता है। अभी तक के विभिन्न लॉन्‍ग टर्म इक्विटी मार्केट का विश्लेषण करें तो दस साल की अवधि में कभी नेगेटिव रिटर्न नहीं दिया है।

म्यूचुअल फंड में कौन सा बेहतर एसआईपी या एकमुश्त है?

एकमुश्त निवेश और एसआईपी के बीच क्या अंतर है इसे समझने के लिए आप भारत के फाइनेंस एजुकेटर पुष्कर राज ठाकुर के इस वीडियो को देखें…

Video Credit by:- Pushkar Raj Thakur : SIP Vs Lumpsum Investment in Mutual Funds
Anu

अनु कैरों, businesstak.in में बतौर चीफ एडिटर के रूप में काम कर रही हूँ । मैंने साल 2016 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बिजनेस इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री हासिल की है। मुझे बिजनेस सेक्शन में पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, इकोनॉमी जैसे विषयों पर लिखने में विशेष रुचि है।

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