GST Reforms 2025: देश के किसानों को मजबूती प्रदान के लिए केंद्र की मोदी सरकार बड़ा ऐलान किया है। सरकार के इस फैसले से किसानों में खुशी की लहर आ गई है। जी हाँ केंद्र सरकार ने Next-Generation GST Reforms के तहत कृषि और उपभोक्ता वस्तुओं पर कर (TAX) में बड़ी कटौती की है। सरकार के इस फैसले के बाद अब ट्रैक्टर खरीदना पहले से काफ़ी सस्ता हो गया है और उर्वरक, दूध व खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े सामानों की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिलेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इन सुधारों से किसानों को हजारों रुपये की बचत होगी और उत्पादन लागत घटने से खेती-किसानी और भी आसान बनेगी।
Table of Contents
- किसानों के लिए ट्रैक्टर खरीदना हुआ सस्ता, जाने कितनी होगी बचत
- उर्वरक और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में राहत
- डेयरी क्षेत्र में महिलाओं और सहकारिताओं को लाभ
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी फायदा
- निष्कर्ष
- Q1. ट्रैक्टर पर अब कितना जीएसटी लगेगा?
- Q2. किसानों को ट्रैक्टर पर कितनी बचत होगी?
- Q3. उर्वरक और बीज पर जीएसटी में क्या बदलाव हुआ है?
- Q4. दूध और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी कितना लगेगा?
- Q5. आम उपभोक्ताओं को इन सुधारों से क्या फायदा मिलेगा?
किसानों के लिए ट्रैक्टर खरीदना हुआ सस्ता, जाने कितनी होगी बचत
सरकार ने ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों (Tractors and Agricultural Equipments) पर जीएसटी (Goods and Services Tax) घटाकर 5% कर दिया है। सरकार के इस कदम के बाद अब किसानों को 35 HP के ट्रैक्टर पर करीब 41,000 रुपये की बचत होगी। वहीं 45 HP ट्रैक्टर पर 63,000 रुपये व 50 HP ट्रैक्टर पर 53,000 रुपये , जबकि 75 HP ट्रैक्टर पर यह बचत 63,000 रुपये तक होगी ।
ट्रैक्टर के टायर, ट्यूब और हाइड्रोलिक पंप जैसे पुर्जों पर भी GST 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे मशीनों की मरम्मत और रखरखाव भी सस्ता हो जाएगा।
Tractor Capacity (HP) | Savings for Farmers (₹) |
---|---|
35 HP Tractor | ₹41,000 |
45 HP Tractor | ₹45,000 |
50 HP Tractor | ₹53,000 |
75 HP Tractor | ₹63,000 |
उर्वरक और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में राहत
खेती में इस्तेमाल होने वाले [अमोनिया, सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल] जैसे कच्चे माल पर अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। इससे उर्वरक कंपनियों की लागत घटेगी और किसानों को बुवाई के समय किफायती दाम पर खाद उपलब्ध हो सकेगी।
इसके अलावा, 12 बायो-पेस्टीसाइड और कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पर भी टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, मिट्टी की सेहत सुधरेगी और छोटे किसानों तथा एफपीओ (Farmer Produce Organisation) को सीधा लाभ होगा।
डेयरी क्षेत्र में महिलाओं और सहकारिताओं को लाभ
दूध और पनीर अब पूरी तरह जीएसटी मुक्त हो गए हैं। वहीं मक्खन और घी पर कर 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। दूध के कनस्तरों पर भी यही दर लागू होगी। इससे महिला-नेतृत्व वाले ग्रामीण उद्यमों और स्वयं सहायता समूहों को बड़ी राहत मिलेगी और उपभोक्ताओं को किफायती दाम पर पोषक दुग्ध उत्पाद मिल सकेंगे।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी फायदा
सरकार ने चीज, पास्ता, नमकीन, मक्खन और फलों के गूदे से बने पेय पदार्थों पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया है। वहीं चॉकलेट, आइसक्रीम, कॉर्न फ्लेक्स, बिस्किट, पेस्ट्री और कॉफी जैसी वस्तुएं भी अब 18% की बजाय सिर्फ 5% जीएसटी पर मिलेंगी। यह कदम खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए राहतभरा साबित होगा और उपभोक्ताओं के बजट को हल्का करेगा।
निष्कर्ष
जीएसटी सुधारों का असर सीधा किसानों, सहकारिताओं और उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला है। खेती की लागत घटने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार का दावा है कि ये कदम प्राकृतिक खेती मिशन (Natural Farming Mission) और आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. ट्रैक्टर पर अब कितना जीएसटी लगेगा?
सरकार ने ट्रैक्टर और इसके पुर्जों पर जीएसटी घटाकर सिर्फ 5% कर दिया है। पहले यह 18% था।
Q2. किसानों को ट्रैक्टर पर कितनी बचत होगी?
ट्रैक्टर की क्षमता (HP) के हिसाब से किसानों को 41,000 रुपये से लेकर 63,000 रुपये तक की बचत होगी।
Q3. उर्वरक और बीज पर जीएसटी में क्या बदलाव हुआ है?
अमोनिया, सल्फ्यूरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल जैसे कच्चे माल पर टैक्स 18% से घटकर 5% हो गया है। इससे उर्वरक सस्ते होंगे।
Q4. दूध और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी कितना लगेगा?
दूध और पनीर अब पूरी तरह जीएसटी मुक्त हैं। वहीं मक्खन, घी और दूध के कनस्तरों पर टैक्स 12% से घटकर 5% हो गया है।
Q5. आम उपभोक्ताओं को इन सुधारों से क्या फायदा मिलेगा?
खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद जैसे चीज, पास्ता, नमकीन, आइसक्रीम, बिस्किट, कॉफी आदि अब 5% जीएसटी पर मिलेंगे, जिससे ये पहले से सस्ते होंगे।